न्यूयॉर्क। पृथ्वी के एक बड़े रहस्य का खुलाशा हुआ है। खास बात ये है कि यह खुलासा एक छोटे बच्चे द्वारा बनाई गई सैटेलाइट की मदद से हुआ है। वैज्ञानिकों को पृथ्वी के रेडिएशन क्षेत्र में पाये जाने वाले कुछ क्रियाशीलन और नुकसान पहुंचाने में सक्षम तत्वों के स्रोत से जुड़े रहस्य के भेद का पता चला है। ये रहस्य करीब 60 साल पुराना है।
अमेरिका के बोल्डर स्थित कोलोराडो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिनलिन ली ने बताया कि इस अध्ययन से पता चलता है कि पृथ्वी के अंदरूनी विकिरण क्षेत्र में पाए जाने वाले इन क्रियाशील इलेक्ट्रोन का निमार्ण सुपरनोवा विस्फोट से निकली ब्रह्मांडीय (कॉस्मिक) किरणों से हुआ है। पृथ्वी का विकिरण क्षेत्र उसके चुंबकीय क्षेत्र में पाये जाने वाले ऊर्जा कणों का स्तर है। इसे वैन एलेन बेल्ट भी कहा जाता है।
रिसर्च टीम ने दिखाया कि कॉस्मिक रे अल्बेडो न्यूट्रॉन डिके नामक प्रक्रिया के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाली ब्रह्मांडीय (कॉस्मिक) किरणें तटस्थ परमाणु से टकराती हैं जिससे बहुत तेज चमक निकलती है। इसके कारण इलेक्ट्रोन समेत आवेशित कण बनते हैं और वे पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में फंस जाते हैं।
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